tag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post6516968879169900767..comments2023-05-06T06:11:52.946-07:00Comments on प्रेमवाणी: सब से महत्वपूर्ण समस्याUnknownnoreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-64826257581456679422010-03-13T08:49:22.543-08:002010-03-13T08:49:22.543-08:00बहुत अच्छा एक तथ्य परक लेख ! शुभकामनायेंबहुत अच्छा एक तथ्य परक लेख ! शुभकामनायेंSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-30099564884396806302010-02-24T01:48:00.543-08:002010-02-24T01:48:00.543-08:00बहुत बहुत धन्यबाद, आप का लेख सुन्दर ही नही अति सुन...बहुत बहुत धन्यबाद, आप का लेख सुन्दर ही नही अति सुन्दर है। अल्लाह से मेरी प्रार्थाना है कि आप का लेख सुन्दर से सुन्ररतम होता रहे और आप को स्वस्थ तथा खुशहाल रखे आमीन। या रब्ह,जीवन का उद्देशhttps://www.blogger.com/profile/09199703483501663665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-73240751620115808972010-02-11T21:01:38.849-08:002010-02-11T21:01:38.849-08:00bhut achhi baat
welcome to my blog
sim786.blogsp...bhut achhi baat<br /><br />welcome to my blog<br /><br />sim786.blogspot.comमोहम्मद कासिमhttps://www.blogger.com/profile/14263644500168934307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-71935215500238667172010-02-07T07:55:50.165-08:002010-02-07T07:55:50.165-08:00HINDU TIGERS… साहिब !
दिल की बात मैं कैसे बताओं, ब...HINDU TIGERS… साहिब !<br />दिल की बात मैं कैसे बताओं, बस आप समझ लीजिए कि मैं आप के धरोहर ही का परिचय करा रहा हूं। यह हमारी समस्या नहीं बल्कि हमारा आप से प्रेम है कि आप ही की अमानत का हम परिचय कराने बैठे हैं। बिल्कुल भगवान एक है, उसको विभिन्न नाम से पुकारा जाता है परन्तु वह भगवान जो चार हाथ और आठ पैर रखता है। हम उस भगवान को मानते अवश्य है पर पहचानते नहीं हैं। यदि उसी ईश्वर का सही परिचय करा दिया जाए ताकि लोग अपने ईश्वर को पालें तो यह कैसी सहानुभूति होगी मेरे भाई। यही बात तो मैं समझाना चाहता हूं। इसी के लिए हमारे रातों की नींद समाप्त रहती है। <br />याद रखें कि सारे मानव एक हैं।<br />उन का पैदा करने वाला भी एक है। <br />उनकी रचना भी एक ही प्रकार से होती आ रही है। <br />तो उनका जीवन व्यवस्था अलग अलग कैसे हो सकता है। कभी आपने इस विषय पर गौर किया कि आज धरती पर सारे लोग एक ईश्वर का नाम ले रहे हैं पर इनसानों की पूजा कर रहे हैं। इस्लाम ही ऐसा धर्म है जो ईश्वर का सही परिचय कराता है और उसी एक ईश्वर की पूजा की ओर सारे मानव को बोलाता है। <br />ईशू, अल्लाह, तथा विश्णु एक नहीं। हाँ ईशू एक मानव थे बल्कि कुरआन के अनुसार संदेष्टा थे लेकिन आज ईसाइयों ने उनको ईश्वर का बेटा मान लिया। विश्णु का भी आज हम रूप देख रहे हैं जबकि ईश्वर रूप नहीं लेता वेदों का संदेश है (न तस्य प्रतिमा अस्ति)ईश्वर की कोई मूर्ति नहीं बन सकती। यही बात तो हम कहते हैं। क्योंकि क़ुरआन सत्य का परिचय कराता है। एक बार क़ुरआन का अध्ययन करके देख लें। आज आपके ईश्वर का सुरक्षित ग्रन्थ इस धरती पर केवल क़ुरआन है। पता चल जाएगा कि हम जिसका विरोद्ध कर रहे थे वह तो हमारा ईश्वर ही है जिसे हमनें अज्ञानता के कारण मानव का रूप दे दिया था। धन्यवादSafat Alam Taimi https://www.blogger.com/profile/18294580543913457765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-1304234286559207332010-02-06T05:46:13.570-08:002010-02-06T05:46:13.570-08:00यही इस्लाम की और उसे मानने बालों की असली समस्या है...यही इस्लाम की और उसे मानने बालों की असली समस्या है वे अपने शिवा किसी और के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते ।इसी बजह से सब मुसलिमबहुल क्षेत्रों में मारकाट मची हुई है। भगवान एक है इशु, अल्हा और विश्णु उसके विभिन्न नाम हैं।जिस दिन मुसलमानों को सह बात आ जाएगी उस दिन यो सारी मारकाट अपने आप खत्म हो जाएगी। अगर आपने यह लेख अनजाने में लिखा तो भगबान आपको माफ करे।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-14658348376525165602010-02-04T22:00:21.477-08:002010-02-04T22:00:21.477-08:00डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक महोदय !
आपका सम्मान दि...डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक महोदय !<br />आपका सम्मान दिल में है। हम आपकी कविताओं के प्यासे रहते हैं। इस ब्लौग पर हम जो कुछ लिखते हैं वह दिल के निकली हुई बातें होती हैं जिन्हें दिलों तक पहुंचाना हमारा उद्देश्य होता है। इन बातों को वही लोग समझ सकते हैं जो इन पर चिंतन मनन करें। <br />डा0 साहिब! ईश्वर का हम सब नाम लेते हैं पर उस महान ईश्वर को बहुत कम लोग पहचान रहे हैं। यह हमारे जीवन का सब से मूल प्रश्न है जिस पर सोचने की आवश्यकता है। धन्यवादSafat Alam Taimi https://www.blogger.com/profile/18294580543913457765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-54097323877359723142010-02-04T21:50:44.275-08:002010-02-04T21:50:44.275-08:00संगीता पुरी साहिबा!
सब से पहले हम अपने ब्लौग में आ...संगीता पुरी साहिबा!<br />सब से पहले हम अपने ब्लौग में आपका स्वागत करते हैं। धन्यवाद। दूसरी बात यह है कि क़ुरआन के अनुसार जो धर्म धरती पर मानव के लिए आया वह इस्लाम ही है जिसका नाम विभिन्न भाषाओं में विभिन्न रहा। जैसे भारत में सनातन धर्म। जिसका मूल उद्दुश्य था एक ईश्वर की पूजा तथा मूर्ति पूजा का खंडन। सब से अन्त में ईश्वर ने सम्पूर्ण मानव जाति के लिए संसार के मध्य में कल्कि अवतार अर्थात् मुहम्मद साहिब को भेजा जिन्होंने सम्पूर्ण संसार की मुक्ति का काम किया। आज उनका संदेश इस्लाम के रूप में पूर्ण रूप में सुरक्षित है। यह सम्पूर्ण संसार के लिए उसके ईश्वर की ओर से बहुत बड़ा उपहार है। बस ज़रूरत है कि इसे जानने की कोशिश की जाए। ईश्वर की दया हो आप सब पर। धन्यवादSafat Alam Taimi https://www.blogger.com/profile/18294580543913457765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-58437450311633146772010-02-04T01:54:45.921-08:002010-02-04T01:54:45.921-08:00achhi jankari ki liye sukriyaachhi jankari ki liye sukriyaमोहम्मद कासिमhttps://www.blogger.com/profile/14263644500168934307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-84423071709623908922010-02-04T00:57:45.282-08:002010-02-04T00:57:45.282-08:00परिश्रम से लिख गया बढ़िया आलेख!परिश्रम से लिख गया बढ़िया आलेख!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-43736387279611814412010-02-04T00:22:10.211-08:002010-02-04T00:22:10.211-08:00सत्य जहाँ भी मिले उसे स्वीकार कर लेना चाहिए। वह व्...<b>सत्य जहाँ भी मिले उसे स्वीकार कर लेना चाहिए। वह व्यक्ति सत्य को कदापि नहीं पा सकता जो सत्य के रास्ते में पूर्वजों के रीति रेवाज की ओर देखता हो । तो आइए विशाल हृदय से अपने ईश्वर के संदेश को जानने का प्रयास करें।<br />यदि हमने अपने ईश्वर का सही ज्ञान प्राप्त कर लिया तो समझ लें कि सारे मानव एक हो गए। सब भाई भाई बन गए। मस्जिद तथा मंदिर की समस्या समाप्त हो गई।</b><br />बहुत सटीक लिखा आपने .. कुरान के बारे में तो मुझे कोई जानकारी नहीं .. पर असली मानव धर्म धारण करने योग्य व्यवहार हैं .. मंदिर और मस्जिद की कोई अहमियत नहीं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4498814543825595269.post-15684548269248891192010-02-03T23:16:10.986-08:002010-02-03T23:16:10.986-08:00sahi farmaya aapnesahi farmaya aapnekishore ghildiyalhttps://www.blogger.com/profile/16989316288193992897noreply@blogger.com