
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसके ये गुल्सेतां हमारा.............
छोड़ो कल की बातें
कल की बात पुरानी
हम हिन्दुस्तानी..................
हमारे देश भारत में हर धर्म एवं पथ के मानने वालों का अनेकता में एकता का प्रदर्शन करना हर्ष का विषय है परन्तु खेद की बात यह है कि एक दूसरे के प्रति हमारा ज्ञान सुनी सुनाई बातों, दोषपूर्ण विचार तथा काल्पनिक वृत्तांतों पर आधारित है। आज पारस्परिक प्रेम हेतु धर्म को उसके वास्तविक स्वरूप में जानने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य के अन्तर्गत यह ब्लौग आपकी सेवा में प्रस्तुत है। हमें आशा है कि पाठकगण निष्पक्ष हो कर अपनी भ्रांतियों को दूर कर के सही निर्णय लेंगे।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसके ये गुल्सेतां हमारा.............
छोड़ो कल की बातें
कल की बात पुरानी
हम हिन्दुस्तानी..................
3 टिप्पणियां:
आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
मित्र, सेटिंग्स में जाकर वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें। इससे आसानी रहेगी पोस्ट करने में।
प्रिय मित्र आलम, आपको अपने धर्म का अच्छा ज्ञान है, प्रसन्नता की बात है। मैं आपको बता दूं कि हिन्दू धर्म में बिन्दिया को आप भले ही सुंदर लगने के लिए किया गया श्रृंगार कह दें, किन्तु सिंदूर श्रृंगार के लिए इस्तेमाल नहीं होता। पति की लम्बी उम्र के लिए लगाया जाता है सिन्दूर....। मेरी आपत्ति इस बात से है कि इन लोगों ने इस्लाम को महज इस बात के लिए सहारा बनाया ताकि एक बीवी रहते हुए दूसरी शादी की जा सके। ऐसे में इस्लाम को चुनना महज एक तरीका था। न तो इनकी इस्लाम में आस्था है और न ही हिन्दू धर्म की कद्र... ये लोग तो बस अपना मतलब निकालना जानते हैं।
काफी समय बीत गया. अब अगली पोस्ट के प्रतीक्षा है.
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