यही तथ्य मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व
सल्लम के एक प्रवचन में बयान की गाई है।
आइशा रज़ियल्लाहु अन्हा बयान करती हैं कि
मक्का में एक महिला थी जो बहुत मज़ाक किया करती थी, वह एक दूसरी महिला के
पास उतरी जो उसी के स्वभाव की थी, जब आइशा रज़ियल्लाहु अन्हा को पता चला तो
उन्हों ने कहाः
मेरे महबूब ने सही कहा, अल्लाह के संदेष्टा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को मैंने कहते हुऐ सुना:
"आत्मायें विभिन्न प्रकार की सेनायें हैं उन में जो आपस में परिचय रखती हैं वे
एक दूसरे से घुल-मिल जाती हैं और जो परिचय नहीं रखतीं वे अलग रहती हैं।" (मजमउज़्ज़वाइदः 8/91)
हदीस का अभिप्राय यह है कि इंसानों का एक
दूसरे से परिचय स्वभाव में पाई जाने वेली भलाई और बुराई के अनुपात से होती है।
अच्छे लोग अच्छे लोगों की ओर आकर्षित होते हैं और बुरे लोगो बुरे लोगों की ओर
आकर्षित होते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें