प्रिय बन्धुओ ! भारत एक लोकतंत्र देश है जहाँ हर धर्म एवं जाति के लोग परस्पर भाई-चारगी के साथ शताब्तियों से रहते हैं मानो कोई एक ही बागीचा के विभिन्न फूल हों। लेकिन इन दिनों सम्प्रदाइकता के नाग ने इस परम देश को भी डसना शुरू कर दिया है। कभी पक्षपात का व्यवहार करते हुए लोगों को मुम्बई से निकलने की आवाज़ लगाई जाती है जबकि भारत के क़ानून के आधार पर भारतीय भारत की धरती पर जहाँ चाहें सुख एवं शान्ति के साथ रह सकते हैं । फिर भी यदि ऐसा किया भी गया तो हो सकता है हम कहें कि वह लोग मुम्बई के रहने वाले नहीं हैं इसलिए उनको मुम्बई से निकलने पर विवश किया गया। लेकिन इस का क्या कारण बताएंगे कि लोगों को केवल मुस्लिम होने के नाते अपने जन्मभूमि से निकलने पर विवश किया जा रहा है। जी हाँ पूना के लोहगाँव में शिव सेना के लोगों ने मुसलमानों को अपनी ही बस्ती से निकलने पर विवश कर दिया है । उनका कहना है कि यह गाँव शिवा जी महाराज का बसाया हुआ है यहाँ केवल हिन्दू समाज के लोग ही रह सकते हैं। कोई भी मुसलमान यहाँ नहीं रह सकता।
अब आप कल्पना कीजिए मानवता के नाते कि जो मुसलमान अपना देश और जन्मभूमि समझ कर अपने ही स्थान पर रह रहे थे उन पर अभी क्या गुज़र रहा होगा? क्या इस के द्वारा विरोधी लोग भारत का हित चार रहे हैं?
अब आप कल्पना कीजिए मानवता के नाते कि जो मुसलमान अपना देश और जन्मभूमि समझ कर अपने ही स्थान पर रह रहे थे उन पर अभी क्या गुज़र रहा होगा? क्या इस के द्वारा विरोधी लोग भारत का हित चार रहे हैं?
भाइयों भारत की धरती पर साम्प्रदाइकता को पनपने सो रोको ...... भारती बन कर रहने की कोशिश करो .... मानवता का प्रदर्शन करो ..... जिस ईश्वर ने आपकी रचना की है वही ईश्वर उनकी रचना करने वाला भी है.... जिस प्रकार आपकी रचना हुई है उसी प्रकार उनकी भी रचना हुई है..... जैसे तुच्छ विर्य से आप बने हैं वैसे ही तुच्छ विर्य से उनकी भी रचना हुई है.... तो फिर यह भेदभाव और सम्प्रदाइकता क्यों। यह नाग है जो हमारे देश को डसने का प्रयास कर रहा है।
3 टिप्पणियां:
भारत की धरती पर साम्प्रदाइकता को पनपने सो रोको ...... भारती बन कर रहने की कोशिश करो .... मानवता का प्रदर्शन करो ..... जिस ईश्वर ने आपकी रचना की है वही ईश्वर उनकी रचना करने वाला भी है.... जिस प्रकार आपकी रचना हुई है उसी प्रकार उनकी भी रचना हुई है..... जैसे तुच्छ विर्य से आप बने हैं वैसे ही तुच्छ विर्य से उनकी भी रचना हुई है.... तो फिर यह भेदभाव और साम्प्रदाइकता क्यों। यह नाग है जो हमारे देश को डसने की प्रयास कर रहा है.......Bhot acche vichar hain aapke...kash ise sabhi samajh pate.....!
विघटनकारियों ( मीर जाफर और जय चंदों ) को कोई भी बहाना चाहिए, चाहे धर्म के नाम का हो या क्षेत्रीयता का. उद्धव ठाकरे कुछ दिन पहले उत्तर भारतीयों के पीछे पड़े थे. लेकिन आतंकवादियों के घुस आने पर इन मिट्टी के शेरों की बोलती बंद हो गयी थी.
हिन्दू हों या मुस्लिम हों,
या हों सिख-ईसाई,
हम सब हैं भारतवासी,
सब आपस में भाई-भाई।
जितना हिन्दू का है,
उतना मुस्लिम का भी है-
प्यार-मुहब्बत से रहना है,
करनी नही लड़ाई।।
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