जब अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए अमेरिका तालिबान के खिलाफ एकतरफा तौर पर शस्त्र हिंसक और अमानवीय कार्यवाही लिप्त था, उसी दौरान तालिबान ने ब्रिटिश पत्रकार यओन्नी रिडले को गिरफ्तार कर लिया था। वे तालिबान के सैनिकों के बर्ताव एवं आचार-विचार से बहुत प्रभावित हुई और तालिबान द्वारा उन्हें रिहा करने के बाद उनमें इस्लाम को सीखने-समझने की सहज अभिरूचि पैदा हुई । आखिरत गहन अध्ययन और चिन्तन के उपरान्त उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर दिया।
वे कहती हैं कि ईसराइल धर्म में कोई आकर्श्र्ण नहीं हैं। ब्रिटेन की वारविक यूनीवर्सिटी में १३ जनवरी २००३ को एक साधारण से कार्यक्रम में अपने इस्लाम धर्म में जाने का एलान करते हुए उन्होने कहा कि:
’’तालिबान के व्यवहार से ही मैं इस्लाम धर्म के अध्ययन की ओर उन्मुख हुई। इस्लाम सद्व्यवहार और ‘शांति का धर्म हैं।
वे कहती हैं कि ईसराइल धर्म में कोई आकर्श्र्ण नहीं हैं। ब्रिटेन की वारविक यूनीवर्सिटी में १३ जनवरी २००३ को एक साधारण से कार्यक्रम में अपने इस्लाम धर्म में जाने का एलान करते हुए उन्होने कहा कि:
’’तालिबान के व्यवहार से ही मैं इस्लाम धर्म के अध्ययन की ओर उन्मुख हुई। इस्लाम सद्व्यवहार और ‘शांति का धर्म हैं।
1 टिप्पणी:
बढ़िया प्रस्तुति
आभार ।।
दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
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