शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

विचार करें !!!

आज मैं क़ुरआन की एक सूरः पर चिंतन मनन कर रहा था जिसमें ईश्वर का पाँच शब्दों में परिचय कराया गया है। कुछ लोगों ने अन्तिम संदेष्टा मुहम्मद सल्ल0 से प्रश्न किया कि ईश्वर का परिचय कराएं तो अल्लाह ने स्वयं यह सूरः अवतरित कर दी। सोचा क्यों न अपने पाठकों को भी इस से अवगत कराएं क्योंकि मानव का ईश्वर तो एक ही है ना... और जो ईश्वर संसार का सृष्टीकर्ता एवं पालनकर्ता है उसके गुणों से अवगत होना हर इनसान का कर्तव्य होना चाहिए.. तो आइए और हमारे साथ चिंतन मनन कीजिए इन गुणों परः

सूरः अल इख्लास ( सूरः न112)

(1) वह अल्लाह एक है।
(2) उसको किसी चीज़ की आवश्यकता नहीं पड़ती।
(3) उसके पास माता पिता नहीं।
(4) उसके पास संतान नहीं।
(5) उसका कोई भागीदार नहीं।

ईश्वर के यह गुण मात्र क़ुरआन ने बयान नहीं किए अपितु अन्य धार्मिक ग्रन्थों ने भी ईश्वर के ऐसे ही गुणों का वर्णन किया है। मुझे क्षमा कीजिएगा क्या आज हमारे समाज में जिनकी पूजा की जा रही है उन में यह पांच गुण पाए जाते हैं ? यह एक विचारनीय विषय है। जी हाँ! आज ईश्वर का नाम तो सब लेते हैं परन्तु उसे पहचानते बहुत कम लोग हैं। अब आप स्वयं सोचें कि बिना पहचान के ईश्वर की पूजा से क्या लाभ ? यदि आप पहचानते हैं ईश्वर को, तो तुलना कीजिए ईश्वर के इन पांच गुणों और पूज्यों के बीच , जिन की आज पूजा की जा रही है। अथवा बताइए हमें इसका कारण ताकि ज्ञान का आदान प्रदान हो सके। धन्यवाद

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