बुधवार, 25 दिसंबर 2013

मुस्लिम तथा इसाई के बीच वार्ता


मुस्लिमः किसने हमें, आपको तथा सम्पूर्ण संसार को पैदा किया ?
इसाईः गाड ने
मुस्लिमः गाड कौन है ?
इसाईः जिसस
मुस्लिमः क्या हम आपकी बात से यह समझें कि जिसस ने अपनी माता को भी पैदा किया और उन से पूर्व संदेष्टा हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम आए थे, उनको भी पैदा किया ?
इसाईः जिसस प्रमेश्वर के पुत्र हैं।
मुस्लिमः जब जिसस प्रमेश्वर के पुत्र हुए जैसा कि आपने कहा तो क्या आप कहेंगे कि उनको सूली पर चढ़ा दिया गया ?
इसाईः हाँ बिल्कुल।
मुस्लिमः क्या हम इस से यह नहीं समझेंगे कि ईश्वर अपने बेटे को सूली पर चढ़ने से बचा न सका।
इसाईः ईश्वर ने अपने पुत्र जिसस को एडम की संतान के पापों की क्षमा हेतु भेजा था। अर्था्त परमेश्वर ही मैरी के गर्भाश्य में उतरे जिस से जिसस का जन्म हो सका। मानो ईश्वर ने जिसस का रूप धारण कर लिया।
मुस्लिमः क्या आप प्रमेश्वर के सम्बन्ध में यह कल्पणा करेंगे कि प्रमेश्वर स्वयं अपनी ही बनाई हुई किसी महिला का गर्भाश्य बन जाए, नौ महीना तक गर्भाश्य में रहे, रक्त और जल में मिलता रहे, पैदा होने के पश्चात शिक्षा दिक्षा और ज्ञान प्राप्त करे, फिर किशोरावस्था को पहुंचे और अपने साथियों को धर्म की शिक्षा दे, फिर यहूद उस पर चढ़ दौड़ें, और वह उनके बीच से भाग निकलें। जैसा कि आपके बाइबल में आया है। फिर वे उनकी खोज शुरू कर दें यहाँ तक कि उनके एक शिष्य ही उनका पता बता दें। उनका पता मिलने के बाद उनको ला कर सूली की लकड़ी पर चढ़ाया जाए, उन्हें कांटेदार ताज पहनाया जाए, फिर मिठे और खट्टे शराब पिलाए जाएं उसके बाद उन्हें सूली पर चढ़ा दिया जाए ?
फिर तीन दिन के बाद वह अपनी क़ब्र से खड़े हों ताकि आकाश पर चढ़ कर सिंहासन पर आसीन हो सकें ?
ज़रा दिल पर हाथ रख कर बताएं कि आखिर यह सब परेशानियाँ झेलने की आवश्यकता क्यों ? क्या आप इस बात से संतुष्ट हैं कि आप ऐसे परमेश्वर को मानें जिनके साथ यहूदी अत्याचारी और अपराधी इस प्रकार का व्यवहार करें ?
मुस्लिमः क्या उन्हों ने ही विश्व, आकाश, धरती, प्रत्येक संदेष्टाओं और इनसानों और जिनों को पैदा किया ? और जब वह तीन दिन अपनी क़ब्र में दफन कर दिए गए तो उस समय ब्रह्माण्ड पर शासन कौन कर रहा था। और जब आपकी आस्था है कि ईसा परमेश्वर हैं क्योंकि बिना बाप के पैदा हुए हैं तो आदम अलैहिस्सलाम परमेश्वर बनने का ज्यादा अधिकार रखते हैं कि वह तो बिना माँ और बाप के पैदा हुए, क्या ऐसा नहीं होना चाहिए ?

मुस्लिमः क्या आप यह आस्था रखते हैं कि ईसा अलैहिस्सलाम को सूली पर चढ़ा दिया गया ?
इसाईः हाँ बिल्कुल मैं आस्था रखता हूं।
मुस्लिमः तो फिर पढ़ें लूक़ा (Luke) 24: 36 - 49 और व्यवस्थाविवरण (Deuteronomy)  21: 22- 23 में आया है कि जो (लटकाया गया हो वह परमेश्वर की ओर से शापित ठहरता है) तो क्या यह कल्पना की जा सकती है कि ईसा अलैहिस्सलाम जो सूली से राज़ी थे शापित हैं। ?
इसाईः ऐसा तो किसी इसाई ने नहीं कहा।
मुस्लिमः सुनें अपने शाऊल की जिसे आप पुलूस के नाम से जानते हैं जो आपके पास अति पवित्र इनसान है वह गलातियों (Galatians) के पास अपने संदेश 3: 13 में लिखता हैः
(मसीह ने जो हमारे लिये श्रापित बना, हमें मोल लेकर व्यवस्था के श्राप से छुड़ाया क्योंकि लिखा है, जो कोई काठ पर लटकाया जाता है वह श्रापित है।) 
मुस्लिमः देखें हम जिसस से जितना प्रेम करते हैं आप नहीं करते, उनका इतना महत्व है हमारे पास कि यदि कोई मुसलमान उनका इनकार कर दें तो इस्लाम की सीमा से निकल जाएगा। और हम उनको उन सारी आरोपों और दोषों से पवित्र समझते हैं जो आप उन पर लगाते हो।
इसाईः मसीह से सम्बन्धित आपकी बातों ने मुझे तो आश्चयचकित कर दिया, मैंने कभी इस तरीक़े से विचार नहीं किया था, आपकी प्रत्येक बातें बौद्धिक और प्रमाणिक है, मैं अवश्य अपने धर्म पर विशाल हृदय से चिंतन मनन करूंगा, और मैं चाहूंगा कि आप मुझे इस्लाम के सम्बन्ध में कुछ पुस्तक प्रदान करें।
मुस्लिमः यह तो मेरे लिए बड़ी खुशी की बात होगी, प्रारंभ में इस साइट का दर्शन करें

www.sultan.org

अहमद दीदात
अनुवादः सफात आलम

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