आज अधिकांश लोगों में जहाँ यह भ्रम प्रचलित है कि पवित्र क़ुरआन मुसलमानों का कोई धार्मिक ग्रन्थ है वहीं कुछ सज्जन यह भी मानते हैं कि क़ुरआन के लेखन मुहम्मद सल्ल0 हैं। यदि यही तथ्य होता तो चिंता की बात न थी हालाँकि यह वास्तविकता के बिल्कुल विरोद्ध है, न तो क़ुरआन के लेखक मुहम्मद सल्ल0 हैं और न ही यह मात्र मुसलमानों का ग्रन्थ है अपितु यह सम्पूर्ण संसार के स्वामी की ओर से सम्पूर्ण मानव-जाति को प्रदान किया गया एक महान उपहार है।
इसका सम्बोधन अरबों के लिए भी है, गैर-अरबों के लिए भी है। कालों के लिए भी है गोरों के लिए भी है। अमेरिकियों के लिए भी है फारसियों के लिए भी है। धनवानों के लिए भी है निर्धनों के लिए भी है। तात्पर्य यह कि क़ुरआन किसी विशेष जाति अथवा क्षेत्र के लिए नहीं अपितु पूरी दुनिया के लिए अवतरित हुआ है।
क़ुरआन "ऐ क़ुरैश" या "ऐ अरब वासियो" कह कर नहीं बल्कि "ऐ इनसानों" "ऐ मानवो" कह कर अपना आह्वान लोगों के सामने प्रस्तुत करता है। कुरआन कहता हैः
"बहुत बरकत वाला है वह जिसने यह फ़ुरक़ान (क़ुरआन) अपने बन्दे पर अवतरित किया ताकि सम्पूर्ण संसार के लिए सावधान कर देने वाला हो"। (सूरः 25 आयत 1)
और मुहम्मद सल्ल0 के सम्बन्ध में क़ुरआन कहता हैः
"हमने तुमको सभी इनसानों के लिए शुभसूचना सुनाने वाला और सचेत करने वाला बना कर भेजा।" (सूरः34 आयत 28)
परन्तु बड़े खेद की बात है कि अज्ञानता के कारण इसके सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार के संदेह फैलाए गए, फलस्वरूप आज सबने इसे मुसलमानों का कोई धार्मिक ग्रन्थ समझ लिया है।
12 टिप्पणियां:
Ye Bhram ki sthiti to Musalmano ne hai paida ki hai.
Lekin ek bat aur Baki Dharm Granth ko musalman apna lenge kya
सच कहा कुरआन सबके लिए है
कुरआन सब के लिए है है जिन्हें शंका हो उनका समाधान भी इसी में है
Dead body of FIRON - Sign of Allah
http://www.youtube.com/watch?v=0hWGjmbAzPs
विडियो
अगली पोस्ट का इन्तजार रहेगा
अगर कोई एक ग्रन्थ है जो सभी लोगों को रास्ता दिखा सकता है तो वह कुरआन मजीद है
dabirnews.blogspot.com
बेशक
sahee kaha
nice post
कुरआन सब के लिए
achhi baat
एक अच्छा प्रयास
बहुत बढिया प्रस्तुति!
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बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
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आपकी पोस्ट को बुधवार के
चर्चा मंच पर लगा दिया है!
http://charchamanch.blogspot.com/
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