बुधवार, 11 दिसंबर 2013

नमाज़ क्या है ?

नमाज़ मुसलमान और उसके रब के बीच एक प्रकार का सम्पर्क है, जब मुस्लिम नमाज़ में विनम्रता अपनाता है तो उसे शान्ति, सुकून और राहत का अनुभव होता है इसलिए कि उसने एक सर्वशक्तिमान अल्लाह से सम्पर्क किया और उसका द्वार खटखटाया है। इसी लिए मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम  हज़रत बेलाल रज़ि0 से कहा करते थेः ऐ बेलाल! मुझे नमाज़ के द्वारा सुकून पहुँचाओ। मुहम्मद सल्ल. को जब कोई परेशानी आती तो आप नमाज़ की ओर दौड़ पड़ते, और जिस किसी ने संकट और कठिनाई में नमाज़ का तजरबा किया उसे सहायता मिली और उसे शान्ति का अनुभव हुआ, क्योंकि एक व्यक्ति अपनी नमाज़ में अल्लाह की वाणी का पठन करता है, और अल्लाह की वाणी के पठन में जो प्रभाव है उसकी तुलना सृष्टि की वाणी से क्या हो सकती है। यदि कुछ मनोचिकित्सकों की वाणियों में शान्ति और सुकून है तो फिर अल्लाह तआला की वाणी का क्या कहना जो मनोचिकित्सकों का भी सृष्टा है।

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